इन सभी कारणों से उत्पादनशीलता कम होती है तथा वनस्पति आवरण कम होता जाता है।
2.
जल एवं पोषक तत्वों की कमी के कारण क्षेत्र में वनस्पति आवरण एवं उत्पादकता में कमी स्वत: दृष्टिगत होती है।
3.
वनस्पति आवरण भूमि की सतह के ऊपर से बहते जल को प्रभावित करता है जबकि नदी की वाहिकाएं उनके भीतर की वनस्पति से आकार प्राप्त करते हैं.
4.
वनस्पति आवरण भूमि की सतह के ऊपर से बहते जल को प्रभावित करता है जबकि नदी की वाहिकाएं उनके भीतर की वनस्पति से आकार प्राप्त करते हैं.
5.
अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दुरी, समुन्द्रतल से ऊंचाई, अरावली पर्वत श्रेणियों की स्थिति एवं दिशा, वनस्पति आवरण आदि यहाँ की जलवायु को प्रभवित करते है।
6.
लगभग आधा मूल वनस्पति आवरण नष्ट हो चुका है, जिसके कारण हैं अतिक्रमण, कटाई, और कठोर प्राकृतिक परिस्थितियों में जरुरत से ज्ञाता चराई.वनों और जंगलों का लगभग ९५ प्रतिशत जो कभी आइसलेंड के २५ क्षेत्र को आवरित करता था, ख़त्म हो चुका है।
7.
इसमें भूजल के पुनर्भरण या जमीन में पानी के खजाने को दोबारा भरने के लिए उपाए करने होंगे, जैसे कि भूमि का वनस्पति आवरण बढ़ाना, मिट्टी व नमी बनाए रखने के तरीके अपनाना, भूमि उपयोग की समुचित पध्दतियों का प्रयोग, तथा झरनों और नालों पर छोटे बांध बनाना।
8.
इसमें भूजल के पुनर्भरण या जमीन में पानी के खजाने को दोबारा भरने केलिए उपाए करने होंगे, जैसे कि भूमि का वनस्पति आवरण बढ़ाना, मिट्टी व नमी बनाए रखने के तरीके अपनाना, भूमि उपयोग की समुचित पध्दतियों का प्रयोग, तथा झरनों और नालों पर छोटे बांध बनाना।
9.
संगोष्ठी के दौरान पर्वतीय एवं सीमान्त क्षेत्रों के रहने वाले समाज, प्राकृतिक वातावरण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, वनस्पति आवरण के परिवर्तन, ग्लेशियरों का पीछे हटना, जलस्रोतों को सूखना, नगरीकरण, पर्यटन, जनजातीय समाज का अध्ययन, महिलाओं की स्थिति प्रवर्जन, पोषण आदि विषयों से संबंधित लगभग तीन दर्जन से अधिक शोध पत्रों का प्रस्तुतिकरण हुआ।
10.
परिणामस्वरूप, वनस्पति और भूमि के बहुत बड़े क्षेत्र ख़त्म हो गए हैं, और मृदा अपरदन तथा मरुस्थलीकरण हो गया है.लगभग आधा मूल वनस्पति आवरण नष्ट हो चुका है, जिसके कारण हैं अतिक्रमण, कटाई, और कठोर प्राकृतिक परिस्थितियों में जरुरत से ज्ञाता चराई.वनों और जंगलों का लगभग ९५ प्रतिशत जो कभी आइसलेंड के २५ क्षेत्र को आवरित करता था, ख़त्म हो चुका है.वनों को फिर से लगाने और वनस्पति को फिर से उगाने की वजह से भूमि के छोटे क्षेत्रों को बहाल किया गया है.